अंग्रेज़ों भारत छोड़ो की तर्ज पर ये गुहार है. गुहार नहीं, बल्कि एक आंदोलन है. भारत के शीर्ष पर बैठे राजनेता द्वारा छेड़ा गया आंदोलन. ऐसे में भारतवंशियों को भारत लौटना ही चाहिए. वैसे भी, भारतवंशियों को भारत से बाहर किसी सूरत जाना ही नहीं चाहिए, और यदि चले गए हैं तो बिना देरी के, तुरंत वापस आ जाना चाहिए. बिना किसी आंदोलन या गुहार के उन्हें वापस आना चाहिए. भारतवंशियों के वापस भारत लौटने के बढ़िया, कुछ टॉप के कारण ये हो सकते हैं –
#1 – भारत की धूल भरी, गड्ढेदार, भीड़ भरी, सांडों और गायों से अटी-पटी, षोडशी नारी की कमर से भी पतली, सदैव जाम युक्त सड़कों का क्या मुकाबिला? सिक्स लेन की खाली सड़क पर गाड़ी दौड़ाने में भी कोई मजा है लल्लू?
#2 – सत्यम के राजू की याद है आपको? या ताजातरीन कोडा? बोफ़ोर्स और चारा घोटाला? हजारों करोड़ रुपए देखते ही देखते बना सकने की सुविधा किसी और देश में है? फिर क्यों बुड़बक की तरह बाहर चले गए हो? जल्द लौट आओ. भारतवंशियों, आपके टैलेंट की जरूरत भारत में बहुत है.
#3 – राजा-महाराजा तो बीते जमाने की बातें हैं? हो सकता है. पर यहाँ भारत में आप अब भी ठसके से राजा-महाराजा की तरह रह सकते हैं – दो शुद्ध सपाट तरीके हैं – नेतागिरी में उतर आइए संसद की कुर्सी कब्जाइये, या फिर सिविल सेवा जॉइन कर सरकारी अफसरी की कुर्सी कबाड़ लीजिए. नेतागिरी में तो फिर भी पाँच-साला चक्कर रहता है. सिविल सेवक तो भारत में ताउम्र महाराजा स्टाइल मार सकता है. फिर क्यों आप विदेशी नौकरी बजा रहे हैं?
#4 – अगर आप ऊंची जाति के हैं तो आप वापस आएँ, क्योंकि दुनिया में कहीं भी ऊँची जाति वालों को इतनी इज्जत नहीं मिलती. ऊंची जाति वालों, अपनी बेइज्जती करवाने, अपनी जाति को खाक में मिलाने विदेश चले गए हैं? हद है! इसी प्रकार, यदि आप बैकवर्ड जाति के हैं तो आपको तो तत्काल भारत लौटना ही चाहिए. तमाम किस्म के आरक्षण जैसी सुविधाएँ विदेशों में कहीं मिलती हैं भला?
#5 – अगर आप डॉक्टर हैं तो वापस आएं, क्योंकि पान-गुटका-तम्बाकू से लेकर नकली दूध-दवाई तक और मच्छर मक्खी से लेकर भारी भरकम जनसंख्या तक सभी तरह के कारणों से यहाँ मरीजों की कमी कभी नहीं होगी और आपका धंधा चकाचक चलेगा. अगर आप इंजीनियर हैं तो सरकारी ठेके के 85 प्रतिशत (यह बात तो स्व. राजीव गांधी भी सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर चुके थे) कमीशन आपको बुला रहे हैं. यदि आप वकील हैं तो यहाँ जाति-धर्म-पंथ इत्यादि के कभी न खत्म होने वाले झगड़े टंटे के मुकदमों की कमी नहीं है – मुकदमों के लिए तो बीस साल का वेटिंग लिस्ट अभी ही है....
वैसे तो सैकड़ा भर और भी धांसू कारण गिनाए जा सकते हैं, जिनके बिना पर विदेश जा बसे भारतीयों को वापस भारत आना ही चाहिए. मगर फोकट में लिस्ट लंबी करने से क्या फायदा. समझ तो वो भी रहे होंगे. बस उन्हें एक बार जोर से ललकारने की जरूरत है – भारतीयों, भारतवंशियों, भारत लौटो!
शिवेन्दु राय , wz-61a/3 vashist park ,gali no-12,nd-46
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