hum hia jee

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Saturday, August 15, 2009

धर्म

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नंदनगरी में आया उत्‍सव का दिननंदनगरी में आ गया उत्सव का दिन. घटाएं घुमड़ उठीं. भींग गई भूमि. नंद के घर आनंद के रंग बरसने लगे, खिल उठे फूल. पशु मगन होकर झूम उठे और पक्षी गीत गाने लगे. मानो प्रकृति नंद के आंगन में उतर आई हो.
जब मथुरा में आए बदरी नारायण
नंद को दर्शन देने आए केदारनाथ
जब मथुरा में आए बदरी नारायणमथुरा में बदरीनाथ, मथुरा में बदरीविशाल, सुनकर आप हैरान हो रहे होंगे लेकिन ये सच है. कंस की नगरी, कृष्ण के चमत्कार की गवाह इस नगरी में विराजते हैं भगवान बदरीनाथ.

नंद को दर्शन देने आए केदारनाथहर आंख में बसे हैं भगवान और हर दिल में गूंज रहा है शिव का नाम. घंटे की हर आवाज़ जैसे भगवान को देती है भक्त के आने की सूचना. एक बार नंद को स्‍वयं दर्शन देने के लिए आए केदारनाथ.

दर्शन पांचमुखी हनुमान जी केमंगलवार का दिन यानी राम भक्त हनुमान का दिन, कहते हैं कि आज के दिन हनुमान जी के दर्शन से सारे दुख दूर हो जाते हैं, सारे पाप कट जाते हैं. हमीरपुर में हनुमान जी एक दो नहीं बल्कि पांच मुखों में विराजते हैं.

जब खुद को ही भूल गए भगवान शिवकहते है शिव अपनी तपस्या में इतना लीन थे कि पार्वती को भीलनी के रुप में उनके सामने नृत्य कर उनका ध्यान भंग करना पड़ा. पार्वती के नृत्य ने भोलेशंकर का तप ऐसा तोड़ा कि वो भूल ही गए कि वो तपस्या कर रहे थे.

बचत करने का मंत्रआज का मंत्र है सुर मंत्र. इस मंत्र का प्रयोग बचत करने के लिए किया जाता है. मंत्र है: नमो नमस्‍ते महामये, श्री पीठे सुरपूजिते, शंख चक्र गदाहस्‍ते, महालक्ष्‍मी नमोस्‍तुते.

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