अपने अधिकारों का जान उनकी रक्षा करना है वीरता ज़ुल्मों को ना सहना पापी के आगे ना झुकना है वीरता देश की सीमा पे दुश्मन से लेना लोहा है वीरता जो सच है उसको ही कहना सच के सिवा कुछ ना कहना है वीरता सच के लिए लड़ना सच को साबित करना है वीरता अपनों की हर पल रक्षा करना है वीरता मासूम अबला की हिफाज़त करना है वीरता हर पल सिर को ऊँचा रखना केवल प्यार में झुकना है वीरता
hum hia jee
Saturday, August 15, 2009
हंसते-हंसते झूल गए फांसी के फंदे पर
अपनों की ही गद्दारी के चलते काकोरी की घटना में शामिल सभी क्रांतिकारी पकडे़ गए, सिर्फ चंद्रशेखर आजाद अंग्रेजों के हाथ नहीं आए। हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी के 45 सदस्यों पर मुकदमा चलाया गया जिनमें से राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई।
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