hum hia jee

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Friday, March 26, 2010

हाँ कर दे !

कभी चाहते थे इतना कि हम उनके दिल-ए-अजीज़ थे ।
आज देखना भी गवारा नहीं करते ।।
हमसे क्या हुई ख़ता इतना तो बता दे ।
रहमत होगी अगर तू पास आये ।।
मैं हर मुिश्कल से लड़ लेता ।
तुम अगर साथ देते ।।
ऐ दोस्त आजा तू एक बार ।
स्ुना सुना सा है दिल मेरा ।।
बस कह दे तू हाँ मेरे यार एक बार ।
दूर ही सही कि तू मेरे पास है ।।
हवाएं ले आयेंगी तेरी खुश्बू ।

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