hum hia jee

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Monday, March 22, 2010

ये विकास है या पतन ?......

किसी भी समाज की पहचान वहां के साहित्य और आसपास के माध्यमों की रंगत देखकर पहचाना जा सकता है। अकसर हम इस बात की चर्चा तो करते रहते हैं कि देश में हर क्षेत्र में गिरावट आ रही है। क्या नेता, क्या पत्रकार, क्या न्यायपालिका, क्या प्रशासन, व्यापारी और क्या .. कोई भी, सबका स्तर दिनोंदिन गिरता जा रहा है। अब सवाल ये है कि जिसे हम समाज की गिरावट मानकर चल रहे हैं कि उसे क्या सचमुच समाज गिरावट मान रहा है या ये पुराने-नए का ऐसा फर्क हो गया है कि नए के जीने के तरीके को पुराने लोग समाज की गिरावट मानकर खारिज कर रहे हों। पता नहीं हम तो पीढ़ी के लिहाज से न तो अतिआधुनिक में हैं न पुरातनपंथी। तो, सबसे ज्यादा भ्रमित भारत हम जैसे लोग ही हैं।

UTV Bindass चैनल पर एक शो आजकल आ रहा है इमोशनल अत्याचार। ये फिल्म DEV D के गाने कैसा तेरा जलवा ... कैसा तेरा प्यार .. तेरा इमोशनल अत्याचार। फिल्म में अभिनेता के इमोशनल अत्याचार में ढेर सारी लड़कियों के साथ संबंध थे तो, बिंदास के शो में लड़की या लड़का अपने प्रेमी की परीक्षा लेता है जिसमें अकसर लड़की का प्रेमी चैनल की हीरोइन के चक्कर में फंस ही जाता है। ये एक नमूना है। इसी चैनल की नई प्रोमो लाइन में एक लड़की कहती है कि बिंदास हूं इसका मतलब ये तो नहीं कि मैं सबके साथ सोने के लिए तैयार हूं। ऐसी ही लड़का कहता है कि मैं बिंदास हूं इसका मतलब ये नहीं कि मैं ड्रग्स लेता हूं।

सबसे ज्यादा सुना जाने वाले रेडियो स्टेशन का दावा करने वाला RED FM का स्लोगन है ये आप के जमाने का रेडियो स्टेशन है, बाप के जमाने का नहीं। आप के जमाने का रेडियो स्टेशन साबित करने के लिए गाने के बीच-बीच में रेडियो जॉकी सवाल पूछता रहता है कि क्या आपको लगता है कि रियलिटी शोज हमारी संस्कृति भ्रष्ट कर रहे हैं या फिर क्या आपको बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर या वकील बनना है तो, काइंडली कट लीजिए क्योंकि, ये आज के जमाने का रेडियो स्टेशन है बाप के जमाने का नहीं। वैसे तो, ये सुनते वक्त बस बिंदास रेडियो जॉकी की चुहलबाजी या रेडियो स्टेशन की मस्ती भर लगती है लेकिन, थोड़ा ध्यान से सुनें तो, समझ में आता है कि ये सचमुच कैसे हंसते-गाते हमारी संस्कृति का बैंड बजा देते हैं।

RED FM पर गाने सुनते हुए मैं वैलेंटाइन डे के आसपास सफर कर रहा था। रास्ते में एक रेडियो डॉकी का नाम सुना तो, दंग रह गया। उसने चहकते हुए बताया मैं हूं हरामखोर अविनाश। वो, पूरे कार्यक्रम के दौरान लड़के-लड़कियों से अपनी हरामखोरी साबित करने को कह रहा था। और, हरामखोरी मैसेज करने के लिए नंबर भी बता रहा था साथ ही ये प्रलोभन भी कि अगर हरामखोरी जंची तो, वैलेंटइन डे पर वो, बेहतरीन हरामखोरी भेजने वाले लड़के या लड़की को स्टूडियो बुलाएगा। वैलेंटाइन डे के शो का नाम भी था लगी लव की। लव की लगती भी है ये पहली बार सुना।

विज्ञापन भी कुछ इसी तरह से बदलते जमाने के लड़के-लड़कियां तैयार कर रहे हैं। सुरीले जिंगल और प्रति सेकेंड प्लान के साथ मोबाइल बाजार में उतरा टाटा डोकोमो का विज्ञापन में एक लड़का-लड़की साथ बैठे हैं। लड़के की नजर एक दूसरी लड़की पर पड़ती है और वो, लड़की को बातों में फंसाकर दूसरी लड़की के साथ जरा मस्ती के चक्कर में उठता है जाते समय देखता है कि उसकी गर्लफ्रेंड ने दूसरा ब्वॉयफ्रेंड पकड़ लिया। थोड़ा सा वो, हतप्रभ दिखता है फिर मुस्कुराता है और नई गर्लफ्रेंड के साथ चल देता है। पीछे से टाटा डोकोमो का संदेश सुनाई देता है when everyday there is new plan then why take fix mobile plan. Tata docomo daily plan. ये नए जमाने का दर्शन हम जैसे लोगों को डरा रहा है। शायद हम पुरातनपंथी हो रहे हैं क्या पता नहीं।

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