hum hia jee

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Sunday, August 15, 2010

जश्ने आजादी के ६३ साल .

आजादी की 63 वी वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई, शुभकामनाये.ये दिन है आजादी का जश्न मनाने का, उन शहीदों और वीर पुरुष, महिलाओ को नमन करने का जिन्होंने हमें ये आजादी सौपी है, उन बहादुर सैनिको की याद में आँखे नम करने का जिन्होंने आजाद भारत के लिए अपनी शहादत दी है, उन लाखो सैनिको और जागरूक नागरिको को सलाम करने का जो देश को बुलंदियों की ओर जा रहे हैं.
कोई बात है इस देश की मिटटी में जिसकी खुशबु ही मर मिटने का जज्बा पैदा कर देती है, देश के लिए प्राण देने के वालो की फसल तैयार करती रहती है.हालाँकि वक़्त बदला है क्योंकि भारत मां अब बलिदान नहीं योगदान मांगती है. इसकी 1 अरब 20 करोड़ संताने ही इसकी ताकत हैं.कुछ बच्चे बिगड़ गए हैं लेकिन फिर भी इस भीड़ में लाखो भगत और बिस्मिल घूम रहे हैं जिनका एक ही धर्म है "भारतीय",एक ही जाति "भारतीय" एक ही मकसद है "स्वाबलंबी और मजबूत भारत"
भारतीय - एक शब्द जिसके आगे हर सम्मान, हर उपाधि, हर पुरुस्कार छोटा लगता है,
मुझे गर्व है कि मैं इस देश में पैदा हुआ जहाँ देवता भी जन्म लेने को तरसते हैं, मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूँ. आइये अपने इतिहास से प्रेरणा लेकर एक सुनहरा वर्तमान रचते हैं. जय हिंद

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