Chautha Stambh/चौथी दुनिया
अपने अधिकारों का जान उनकी रक्षा करना है वीरता ज़ुल्मों को ना सहना पापी के आगे ना झुकना है वीरता देश की सीमा पे दुश्मन से लेना लोहा है वीरता जो सच है उसको ही कहना सच के सिवा कुछ ना कहना है वीरता सच के लिए लड़ना सच को साबित करना है वीरता अपनों की हर पल रक्षा करना है वीरता मासूम अबला की हिफाज़त करना है वीरता हर पल सिर को ऊँचा रखना केवल प्यार में झुकना है वीरता
hum hia jee

Friday, September 14, 2012
जिज्ञासा(JIGYASA) : राष्ट्रीय जलनीति -2012
जिज्ञासा(JIGYASA) : राष्ट्रीय जलनीति -2012: राष्ट्रीय जलनीति -2012 में बड़े-बड़े बांधों की पुरजोर वकालत की गई है। नए संशोधित मसौदे में अप्रत्यक्ष रूप से निजीकरण की बात कही गई है। नए सं...
Wednesday, March 7, 2012
Thursday, December 1, 2011
SCIENCE AND TECHNOLOGY: अग्नि 1 मिसाइल का परीक्षण .....
SCIENCE AND TECHNOLOGY: अग्नि 1 मिसाइल का परीक्षण .....: भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और 700 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली अपनी अग्नि 1 मिसाइल का सेना के प्रायोगिक परीक्षण के तौर पर ...
Wednesday, April 13, 2011
Tuesday, April 12, 2011
Monday, March 14, 2011
Thursday, December 23, 2010
भीड़ ....
आज ज़िन्दगी के मायने बदल गए है .हर जगह भीड़ है .शुकून नहीं मिलता .कृत्रिम भीड़ ही ज्यादा दिखाई देती है वास्तविक हो तो कोई बात नहीं .सड़क पर भीड़ ...बाजार में भीड़ ...आकाश में भीड़ ...सागर में भीड़ ...मंदिर मस्जिद में भीड़ ....संसद में भीड़ ...स्कुल कालेज में भीड़ ...अस्पताल में भीड़ ... हर जगह भीड़ ही भीड़ .
भीड़ अच्छी बात हो सकती है पर इसे नियंत्रित किया जाय तो ...प्रशिक्षित किया जाय तो ,पर ऐसा नहीं है, यह और बेतरतीब ढंग से बढती ही जा रही है .कुछ सियासी लोगों के लिए संजीवनी ही है .भीड़ में गुणवता लाने की कोशिश नहीं हो रही ,इसे बोझ बताने का चलन बढ़ रहा है . सरकार इसे अपनी नाकामी का बहाना बना रही है .
आगे भीड़ और बढ़ेगी ही ..तब बहाना बनाने वालो पर यह भारी साबित होगी . आपाधापी में जो आज कुछ चंद लोग जो घी पी रहे है ..कल उनके मुंह से यह भीड़ घी छीन कर पी जायेगी ...तब व्यवस्था का दोष देना मुर्खता की बात होगी . आज ही चेत ले इससे सुन्दर कुछ नहीं होगा .
भीड़ अच्छी बात हो सकती है पर इसे नियंत्रित किया जाय तो ...प्रशिक्षित किया जाय तो ,पर ऐसा नहीं है, यह और बेतरतीब ढंग से बढती ही जा रही है .कुछ सियासी लोगों के लिए संजीवनी ही है .भीड़ में गुणवता लाने की कोशिश नहीं हो रही ,इसे बोझ बताने का चलन बढ़ रहा है . सरकार इसे अपनी नाकामी का बहाना बना रही है .
आगे भीड़ और बढ़ेगी ही ..तब बहाना बनाने वालो पर यह भारी साबित होगी . आपाधापी में जो आज कुछ चंद लोग जो घी पी रहे है ..कल उनके मुंह से यह भीड़ घी छीन कर पी जायेगी ...तब व्यवस्था का दोष देना मुर्खता की बात होगी . आज ही चेत ले इससे सुन्दर कुछ नहीं होगा .
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